क्या आपका शहर आपके लिए भाग्यशाली है?
क्या कभी ये सोचा है, जिस शहर या गांव में आप रहते है, वो फलित ज्योतिष के अनुसार आपके लिए भाग्यशाली या अनुकूल है या नहीं? ज्योतिष में ये संभव है की हम निर्जीव चीजों से आपसी संगतता या अनुकूलता जान सकें. ज्योतिष की एक दूसरी शाखा अंकज्योतिष से भी ये स्थान की अनुकूलता जानी जा सकती है, परतुं प्राचीन ज्योतिष से भी ये बेहतर किया जा सकता है.

ज्योतिष में स्थान की संगतता
ग्रहों का सभी सजीव और निर्जीव वस्तुओं पर प्रभाव पड़ता है, चूकिं स्थान या शहर को निर्जीव माना जाता है, तो जहाँ कोई रहता है, उससे कैसे जाना जा सकता है की वो जगह उस व्यक्ति विशेष के लिए भाग्यशाली है या नहीं? सर्वप्रथम ये जानिए की, आपसी संगतता जानने के लिए राशि और नक्षत्र का ज्ञान होना जरुरी है, फिर ज्योतिष के नियमों के अनुसार उनमें आपसी अनुकूलता जानी जाएगी.
किन्हीं भी कुंडलियों में आपसी अनुकूलन के लिए 8 कूटों को देखा जाता है, चूकिं शहर या गांव निर्जीव होने से उसके वर्ण, वश्य, योनि, गण और नाड़ी कुटों को गणना में छोड़ना पड़ेगा, क्यों की एक स्थान को वर्ण जैसे क्षत्रिय आदि, वश्य जैसे मानव आदि, योनि जैसे सिंह आदि, गण जैसे देवता आदि और नाड़ी जो संतान के लिए जांची जाती है, के गुण विशेषों से कैसे अभिव्यक्त किया जा सकता है. तो केवल मात्र तीन कूटों तारा, मैत्री और भकूट की गणना की जाती है.
ज्योतिष में शहर से सामंजस्य के लिए क्या देखा जाना चाइये?
किसी भी स्थान या निर्जीव वस्तु आपके लिए भाग्यशाली है या नहीं, उसके लिए तीन घटक देखें जाने चाइये, पहला आपसी भाग्य सम्बन्ध, दूसरा आपसी ग्रह मैत्री और तीसरा आपसी लेना देना. किसी भी शहर के निश्चित ही एक नक्षत्र होगा, जिसकी गणना में तारा कूट का इस्तेमाल होगा, जिससे भाग्य सम्बन्ध जाना जा सकें.
हर स्थान का एक नाम होता है, तो निश्चित ही उसकी एक राशि होगी और राशि स्वामी ग्रह भी होगा. मैत्री कूट से आपसी राशि स्वामियों की मित्रता या शत्रुता ज्ञात की जा सकती है. राशि से ही भकूट जाना जाता है और उससे आपसी लाभ हानि या कहें की किसको एक दूसरे से ज्यादा फायदा है, को ज्ञात किया जाता है.
आपके नाम और शहर या गांव के नाम से आपसी सामंजस्य
ज्योतिष में सामान्य नियमों के अनुसार स्थान मिलान करने पर कुछ दोष भी हो सकते है, परन्तु कुछ विशिष्ट संयोगों के रहने पर इन दोषों का असर काफी कम हो जाता है, जैसे भकूट में दोष होने पर भी, यदि राशि स्वामी मित्र होते है, तो उस दोष का प्रभाव कम हो जाता है. ये आपके और शहर के नाम मिलान करने वाले इस कैलकुलेटर द्धारा आसानी से जाना जा सकता है, और ज्यादा दोषहीन परिणाम प्राप्त किया जा सकता है. वो भी केवल आपके नाम और शहर या गांव के नाम से आपसी सामंजस्य प्राप्त किया जा सकता है.
स्थान की अनुकूलता जानने में ज्योतिष और अंकज्योतिष में क्या फर्क है?
ज्योतिष और अंकज्योतिष से स्थान अनुकूलता जानने में ये फर्क है की, अंकज्योतिष में अंक जो की ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते है, उनके द्धारा ग्रहों के आपसी सम्बन्ध या मैत्री को जाना जाता है, पर ज्योतिष में मैत्री के अलावा राशि और नक्षत्र के भकूट और तारा गुण होने से ज्यादा सटीक जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है.
ज्योतिष में तारा, मैत्री और भकूट से और किस किस से आपसी सामंजस्य जाना जा सकता है?
अन्य कई प्रकार के आपसी संगतता इस कैलकुलेटर से जानी जा सकती है, क्योंकि ये शहर से आपसी अनुकूलता जानने के लिए बनाया गया है, जैसे आपके घर के नाम (जैसे कृष्ण वाटिका) से, मोहल्ले के नाम से, कस्बे या गांव के नाम से आदि.
क्या ज्योतिष में कोई उपाय या निर्देश है, की स्वयं के शहर से कैसे लाभ प्राप्त करें?
ज्योतिष और शास्त्र ये निर्देश देते है की आप जहाँ रहते है या कमाते है, उस स्थान को कभी कोसे नहीं, क्यों की वो आपकी कर्म भूमि है, जहाँ आप यश, मान, सम्मान और पैसा हासिल करते है. जन्म कुंडली में 10वां भाव कर्म और यश का होता है, जब आप अपने ही शहर को निराशा में कोसते है तो अपना दसवां भाव बिगाड़ते है. इसलिए अपने घर या शहर को गाली नहीं देवें, बल्कि वहां की मिट्टी को अपने जन्म दिवस पर माथे पर लगाए.